अब बड़े मगरमच्छ हैं आयकर के निशाने पर
आने वाले दिनों में होंगी बड़ी कार्यवाहियां
रवीन्द्र जैन
भोपाल। मप्र में अब बड़े मगरमच्छ आयकर विभाग के निशाने पर आ गए हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार विभाग ने प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों पर सीधा हाथ डाला है। अब विभाग की नजर बड़े और भ्रष्ट राजनेताओं पर हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में ही करोड़ों रूपए की सम्पत्ति बनाई है। आयकर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि - अब मप्र में मीडिया को हमारे यहां के लिए अलग से संवाददाता नियुक्त करना होगा, क्योंकि हम इतनी खबरें देने की तैयारी में हैं।
मध्यप्रदेश में आयकर विभाग ने बड़े लोगों को चिन्हित कर लिया है, और अब उनके खिलाफ कार्यवाही तेज होने की संभावना है। अभी तक आयकर विभाग, छोटे मोटे अफसरों के यहां ही छापे मारता था, लेकिन अब उसके निशाने पर बड़े अधिकारियों के साथ प्रदेश के वे राजनेता भी हैं जिन्होंने रातोंरात करोड़ों रूपए कमाए हैं। इनमें वे मंत्री भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में मप्र में जमकर निवेश किया है। जिन नेताओं ने अपने रिश्तेदारों के नाम से प्रदेश में करोड़ों रूपए की जमीनें खरीद कर कॉलेज खोले हैं, वे भी आयकर विभाग के निशोन पर हैं।
अफसरों में गुटबाजी : इस संबंध में शुक्रवार को एक आईएएस अधिकारी ने सवाल दागा कि क्या प्रदेश में आईएएस अधिकारी ही भ्रष्ट हैं? आज तक किसी आईपीएस के यहां छापे की कार्यवाही क्यों नहीं हुई। जबकि सभी को पता है कि परिवहन विभाग में बैठे आईपीएस अफसरों की कितनी कमाई है।
कई आईएएस लोकायुक्त के घेरे में
मध्यप्रदेश के तीन दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारी लोकायुक्त संगठन के घेरे में है। लोकायुक्त संगठन ने मार्च 2009 तक की जारी सूची में बताया है कि प्रदेश के तीस आईएएस अधिकारियों के खिलाफ आईं शिकायतों की जांच संगठन कर रहा है। इनमें से तीन अधिकारियों की जांच पूरी करने के बाद संगठन ने राज्य सरकार को अपनी अनुशंसा भी भेज दी है।
दागी अफसरों के नाम व आरोप
अधिकारी का नाम - मनीष श्रीवास्तव
आरोप - त्रैमासिक अर्धवार्षिक परीक्षा के मुद्रण कार्य में घेटाला
अधिकारी का नाम - अरूण पांडे
आरोप - खनिज लीज में ठेकेदारों को अवैध लाभ पंहुचाना
अधिकारी का नाम - प्रभात पाराशर
आरोप - वाहनों के क्रय में 5 लाख से अधिक का भ्रष्टाचार
अधिकारी का नाम - गोपाल रेड्डी
आरोप - कालोनाईजरों को अनुचित लाभ पहुंचाना, शासन को आर्थिक हानि पहुंचाना
अधिकारी का नाम - अनिता दास
आरोप - ऊन तथा सिल्क साडिय़ों के क्रय में भ्रष्टाचार
अधिकारी का नाम - दिलीप मेहरा
आरोप - कार्यपालन यंत्री से अधीक्षण यंत्री की पदोन्नति में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - मोहम्मद सुलेमान
आरोप - कालोनाईजरों को अवैध लाभ पंहुचाना
अधिकारी का नाम - टी राधाकृष्णन
आरोप - दवा खरीदी में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - एसएस उप्पल
आरोप - पांच लाख रूपए लेकर भूमाफियाओं को अनुज्ञा दी
अधिकारी का नाम - अस्ण भट्ट
आरोप - भारी रिश्वत लेकर निजी भूमि में अदला बदली
अधिकारी का नाम - निकुंज श्रीवास्तव
आरोप - पद का दुरूपयोग एवं भ्रष्टाचार, दो शिकायतें
अधिकारी का नाम - एमके सिंह
आरोप - तीन करोड़ रूपए का मुद्रण कार्य आठ करोड़ रूपए में कराया
अधिकारी का नाम - एमए खान
आरोप - भ्रष्टाचार एवं वित्तिय अनियमितताएं, तीन शिकायतें
अधिकारी का नाम - संजय दुबे
आरोप - शिक्षाकर्मियों के चयन में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - रामकिंकर गुप्ता
आरोप - इंदौर योजना क्रमांक 54 में निजी कंपनी को सौ करोड़ रूपए का अवैध लाभ पंहुचाया
अधिकारी का नाम - एमके वाष्णेय
आरोप - सम्पत्तिकर का अनाधिकृत निराकरण करने से निगम को अर्थिक हानि
अधिकारी का नाम - आरके गुप्ता
आरोप - निविदा स्वीकृति में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - एन्टोनी डिसा
आरोप - निविदा स्वीकृति में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - केदारलाल शर्मा
आरोप - सेन्ट्रीफयूगल पम्प क्रय में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - शशि कर्णावत
आरोप - पद का दुरूपयोग, दो शिकायतें
अधिकारी का नाम - केके खरे
आरोप - पद का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार
अधिकारी का नाम - विवेक अग्रवाल
आरोप - 21 लाख रूपए की राशि का मनमाना उपयोग
अधिकारी का नाम - एसके मिश्रा
आरोप - खनिज विभाग में एमएल, पीएल आवंटन में भ्रष्टाचार
अधिकारी का नाम - राकेश साहनी
आरोप - पुत्र को 5 लाख रूपए कम में विमान प्रशिक्षण दिलाया
अधिकारी का नाम - महेन्द्र सिंह भिलाला
आरोप - 75 लाख रूपए की खरीदी में अनियमितताएं
अधिकारी का नाम - अल्का उपाध्याय
आरोप - भारी धन राशि लेकर छह माह तक दवा सप्लाई के आदेश जारी नहीं किए
अधिकारी का नाम - सोमनाथ झारिया
आरोप - 4 वर्षों से भ्रष्टाचार एवं पद का दुरूपयोग करना
अधिकारी का नाम - डा. पवन कुमार शर्मा
आरोप - बगैर रोड़ बनाए ठेकेदार को पांच लाख का भुगतान करना
नहीं देते सम्पत्ति का ब्यौरा :
मप्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सभी अधिकारियों को अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के अंतर्गत प्रत्येक कलेन्डर वर्ष के लिए चल अचल सम्पत्ति का ब्यौरा शासन को प्रस्तुत करना चाहिए, लेकिन मप्र में 44 आईएएस अधिकारी ऐसे हें जिन्होंने वर्ष 2008 के लिए अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया है।
सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले आईएएस अधिकारी
- दिलीप मेहरा
- गोपाल प्रसाद सिंघल
- एमएम उपाध्याय
- राकेश अग्रवाल
- सेवाराम
- केपी सिंह
- प्रवीर कृष्ण
- संजय बंदोउपाध्याय
- विनोदकुमार
- कोमलसिंह
- पीके पाराशर
\- एसएन मिश्रा
- प्रमोद अग्रवाल
- एमके वाष्णेय
- रघुवीर श्रीवास्तव
- केएम गौतम
- अनिरूद्ध मुखर्जी
- वीणा घाणेकर
- मनीष रस्तोगी
- सूरज डामोर
- विवेक अग्रवाल
- एमएस भिलाला
- डीपी अहिरवार
- भरत कुमार व्यास
- राजकुमार पटेल
- जेटी एक्का
- शिवानंद दुबे
- उमाकांत उमराव
- जगदीश शर्मा
- केके खरे
- मधु खरे
- मनीष सिंह
- सुखवीर सिंह
- राजेश प्रसाद मिश्रा
- मुकेश चंद्र गुप्ता
- एसएस अली
- अनिल यादव
- विवेक पोरवाल
- शोभित जैन
- चंद्रशेखर बोरकर
- गीता मिश्रा
- शशि कर्णावत
- राहुल जैन
- मनेाहर दुबे
Friday, February 5, 2010
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yeh to wakai me ek bada mudda hai agar aap janta ke sewak ho to phir sampatti ka beora sene me me janta se kaisi sharm..... aisi jankari har nagrik ko honi chahiye thanks sir
ReplyDeletegood think.. sir sabko pata hona chahiye
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