Wednesday, November 3, 2010

ढाई हजार से ज्यादा आश्वासन लटके


-1100 से अधिक लोक लेखा समिति की आपत्तियों का नहीं हुआ निराकरण

-सरकारी विभागों की कछुआ चाल, 4 हजार से ज्यादा प्रकरण अटके

भोपाल। आठ-दस साल पहले विधानसभा में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों पर आज तक कुछ नहीं हुआ। यहीं कारण है कि मंत्रियों के 2694 आश्वासन विभिन्न विभागों में चक्कर लगा रहे हैं। ऐसा नहीं अकेले आश्वासनों की यह हालत हो, बल्कि 1196 तो लोक लेखा समिति द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर भी अफसरों ने तवज्जो नहीं दी। कुल मिलाकर विधानसभा से जुड़े 4 हजार 309 मामले सरकार के पास अटके पड़े हैं।

पिछले कुछ समय से अफसरों ने सरकार और मंत्रियों को तवज्जो देना बंद कर दिया है या फिर वह मंत्रियों द्वारा सदन में दिए गए आश्वासनों को पूरा कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यहीं वजह है कि वर्तमान में 2 हजार 694 आश्वासन अधिकांश विभागों में अटके हुए हैं। इनकी मानिटरिंग ठीक ढंग से नहीं होने के कारण सालों से इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हाल ही में मुख्य सचिव द्वारा की गई समीक्षा के बाद कुछ प्रकरणों में कमी आई है, लेकिन अभी भी स्थिति ठीक नहीं है। वर्तमान में विधानसभा से जुड़े 21 शून्यकाल, 402 अपूर्ण उत्तर, 48 ध्यानाकर्षण, 1196 लोक लेखा समिति की कंडिकाएं तथा 2 हजार 694 आश्वासन पर सरकार की निगाह नहीं पड़ी है।

अधिकृत सूत्रों ने बताया कि सदन में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों में राजस्व विभाग में 240, स्वास्थ्य विभाग में 294, जल संसाधन में 305, पंचायत एवं ग्रामीण विकास में 214, नगरीय प्रशासन के 319, लोक निर्माण के 181, स्कूल शिक्षा से जुड़े 99, कृषि विभाग के 127, सहकारिता के 139, गृह विभाग के 91, पीएचई के 105, वन विभाग के 89, आदिम जाति कल्याण के 98, महिला एवं बाल विकास के 73, चिकित्सा शिक्षा के 65, उच्च शिक्षा में 40, ऊर्जा में 39 आदि सभी विभागों में आश्वासनों की लंबी सूची लटकी हुई है।

विभागों की स्थिति

विभाग का नाम कुल प्रकरण

राजस्व - 486

स्वास्थ्य विभाग - 412

जल संसाधन - 409

ग्रामीण विकास - 392

नगरीय प्रशासन - 350

लोक निर्माण - 234

कृषि विभाग - 168

स्कूल शिक्षा - 171

सहकारिता - 153

गृह विभाग - 141

पीएचई विभाग - 137

वन विभाग - 126

आदिम जाति - 124

वाणिज्यिक कर - 111

कुल प्रकरण - 4309

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