Friday, April 9, 2010


  मुख्यमंत्री मंत्री घूमेंगे टैक्सियों में


    स्टेट गैरेज को बंद करने का सुझाव

    रवीन्द्र जैन
  
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री व अफसर प्राईवेट टैक्सियों में घूमते नजर आ सकते हैं। राज्य सरकार मुख्यमंत्री मंत्रियों व अफसरों को कारें उपलब्ध कराने वाले स्टेट गैरेज को बंद करने पर विचार कर रही है। इससे वाहनों पर सरकार का खर्चा आधे से भी कम होने की संभावना है। मप्र सरकार द्वारा गठित राज्य वेतन आयोग के अध्यक्ष एके अग्रवाल ने अपने चतुर्थ प्रतिवेदन में स्टेट गैरेज को पूरी तरह बंद करने एवं सरकारी विभागों में भी नए वाहन क्रय करने के बजाय आवश्यकता के अनुरूप टैक्सियों का उपयोग करने का सुझाव दिया है।
    आयोग की रिपोर्ट के अनुसार स्टेट गैरेज की कारों पर प्रति किलोमीटर व्यय लगभग 26 रुपए आता है जबकि प्राईवेट टैक्सियों पर प्रतिमीटर व्यय 11 से 13 रुपए आता है। कई तरह के अध्ययन के बाद आयोग ने स्टेट गैरेज को पूरी तरह बंद करने का सुझाव दिया हे। बताते हैं कुछ राज्यों में यह व्यवस्था प्रारंभ हो गई है।
स्टेट गैरेज - वर्ष 2008-09
    कुल वाहन                                          123
    वर्षभर का व्यय                                   रु. 5,61,02,000
    प्रति वाहन औसत वार्षिक व्यय            रु. 4,56,114
    प्रति वाहन मासिक औसत व्यय           रु. 38,010
    वाहनों द्वारा तय की गई दूरी                  21,80,677 किलोमीटर
    प्रति वाहन तय की गई दूरी                   17,729 किलोमीटर
    प्रति वाहन मासिक दूरी                        1,477 किलोमीटर
    प्रति किलोमीटर औसत व्यय                 रु. 25.73

प्राईवेट इंडिया की दर - वर्ष 2008-09
    मासिक किराया 1000 किलोमीटर तक     रु. 14,520
    1000 किलोमीटर से अधिक प्रति किमी    रु. 5.75
    477 किलोमीटर का अतिरिक्त व्यय        रु. 2,743
    प्रति वाहन औसत मासिक व्यय             रु. 17,263
    प्रति वाहन प्रति किलोमीटर व्यय            रु. 11.68

प्राईवेट बोलेरो,टाटा सूमो, मार्शल की दर - वर्ष 2008-09
    मासिक किराया 1000 किलोमीटर तक    रु. 18,250 
    1000 किलोमीटर से अधिक प्रति किमी    रु. 6.50
    477 किलोमीटर का अतिरिक्त व्यय        रु. 3,101
    प्रति वाहन औसत मासिक व्यय        रु. 21,351
    प्रति वाहन प्रति किलोमीटर व्यय         रु. 14.45

आयोग की अनुशंसा :
    आयोग ने इस संबंध में तीन सुझाव दिए हैं।
    1 - राज्य सरकार के अन्तर्गत मंत्रालय तथा विभागाध्यक्ष कार्यालयों में शासकीय कार्यों के लिए नए वाहन क्रय किए जाने के बजाय अशासकीय वाहन किराए पर लेने की व्यवस्था को प्रोत्साहित किया जाए।
    2 - राज्य शासन के विभिन्न विभागों में नवीन वाहनों का क्रय केवल अपवाद स्वरुप ही किया जाए। पुराने वाहनों को उनकी स्थिति के अनुरूप अनुपयोगी घोषित किया जाए एवं आवश्यकतानुसार वाहन किराए पर लिए जाएं।
    3 - स्टेट गैरेज को चरणबद्ध योजना के अनुसार बंद किया जाए तथा स्टेट गैरेज के वाहनों को विभिन्न विभागों में भेजा जाए। विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी शासकीय वाहन किराए पर लेने की व्यवस्था लागू की जाए।
   
   
   
   

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