Monday, March 8, 2010

36 आईएएस अफसरों की सम्पत्ति इंदौर में ?

अब शहर में बंट रहा है चर्चित पर्चा, एक बिल्डर्स निशाने पर

रवीन्द्र जैन



इंदौर। मध्यप्रदेश के 133 आईएएस अधिकारियों के चरित्र एवं सम्पत्ति को लेकर भोपाल में बांआ जा रहा चर्चित पर्चा अब इंदौर भी पंहुच गया है। इस पर्चें में प्रदेश के 36 आईएएस अधिकारियों की सम्पत्ति इंदौर में होने का दावा किया गया है। इसके अलावा तीन आईएएस अधिकारियों अवैध कमाई एक बिल्डर्स के जरिए इंदौर में लगाने का उल्लेख किया गया है। जिन अफसरों की सम्पत्ति इंदौर में बताई जा रही है उनमें से कई इंदौर में कलेक्टर व अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे चुके हैं।

मप्र के वरिष्ठï आईएएस अधिकारी अरविन्द जोशी के घर आयकर छापे में से तीन करोड़ रुपए से अधिक जप्त होने के बाद मप्र के आईएएस अधिकारियों की गुटबाजी चरम पर आ गई है। इस गुटबाजी का नतीजा है कि भोपाल में 133 आईएएस अधिकारियों के बारे में नौ पेज का पर्चा बांटा जा रहा है। बताया जाता है कि भोपाल के बाद अब यह पर्चा इंदौर पहुंच गया है और अधिकारी एक दूसरे से मांगकर पर्चे में अपना नाम खोज रहे हैं। गैर आइएएस अधिकारी पर्चा पढ़कर आइएएस केडर के मजे ले रहे हैं। इस पर्चें में 133 आइएएस अधिकारियों को तीन वर्गों में बांटा गया है। भ्रष्टï, महाभ्रष्टï एवं चरित्रहीन। इसके अलावा कई अफसरों की सम्पत्ति कहां कहां निवेश की गई है? इसका उल्लेख भी पर्चें में किया गया है। राज्य के 36 आइ एएस अधिकारियों की सम्पत्ति इंदौर में भी बताई जा रही है।

भ्रष्टïाचार के आरोप में निलंबित किए गए आइएएस अधिकारी अरविन्द जोशी एवं केपी राही की सम्पत्ति भी इंदौर में बताई जा रही है। इसके अलावा मप्र के एक पूर्व मुख्य सचिव की सम्पत्ति इंदौर में होने का दावा किया जा रहा है। पिछले दिनों राज्य सरकार ने जिस आइएएस अधिकारी के पुराने कारनामों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया है, उसके बारे में पर्चे में बताया गया है कि उन्होंने इंदौर के एक बिल्डर्स के माध्यम से अपनी सम्पत्ति का निवेश किया है। पर्चें में मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ एक वरिष्ठï आइएएस अधिकारी की सम्पत्ति भी इंदौर में बताई गई है। पिछले साल से सड़क महकमें में जमे रहने का रिकार्ड बनाने वाले एक चर्चित अफसर की भी सम्पत्ति भी इंदौर में बताई जा रही है। इस अफसर के बारे में चर्चा है कि वे मप्र के अगले अरविन्द जोशी बन सकते हैं। वर्तमान में राज्य के छह जिलों में पदस्थ कलेक्टरों की सम्पत्ति इंदौर में होने का दावा किया गया है।

बताया जाता है कि मुख्यसचिव अवनि वैस ने इस पर्चें की जांच की बात कही है। यह पर्चा आयकर विभाग व लोकायुक्त संगठन के हाथ में भी पंहुच गया है। पर्चें में दिए तथ्यों की पड़ताल लोग अपने अपने तरीके से कर रहे हैं। इंदौर में आइएएस अफसरों के आलीशान बंगलों, बेनामी सम्पत्तियों, फार्म हाउसों पर निगरानी शुरू हो गई है।

1 comment:

  1. sabki khabar le rahe ho boss....jordaar muhim.

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