लोकायुक्त-सूचना आयुक्त का समझौता हाईकोर्ट में पेश
हाईकोर्ट ने शपथ पत्र के आवेदन का प्रारूप मांगा
रवींद्र जैन
भोपाल। आखिर मध्यप्रदेश के लोकायुक्त एवं मुख्य सूचना आयुक्त के बीच ढाई वर्ष से चल रहा विवाद बुधवार को थम गया। राज्य के महाधिवक्ता ऋषभदास जैन ने दोनों के बीच हुए समझौते के प्रपोजल की प्रति हाईकोर्ट में पेश कर दी। हाईकोर्ट ने इस समझौते के संबंध में दोनों की ओर से शपथ पत्र के प्रारुप में आवेदन देने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है।
मप्र में मुख्य सूचना आयुक्त पीपी तिवारी एवं राज्य के तत्कालीन लोकायुक्त रिपुसूदन दयाल के बीच 27 अगस्त 2007 को उस समय विवाद हो गया था, जब पीपी तिवारी लोकायुक्त संगठन द्वारा सूचना के अधिकार के तहत एक प्रकरण में निर्णय सुनाने जा रहे थे तथा लोकायुक्त दयाल उनके घर पहुंच गए। तिवारी ने अपने निर्णय में लिखा कि दयाल उन्हें प्रभावित करने के उद्देश्य से तिवारी के घर पहुंचे थे। इसके बाद इन दोनों के बीच हुआ विवाद एमपी नगर थाने होता हुआ, मप्र हाईकोर्ट पहुंच गया।
प्रदेश के नए लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर ने इस विवाद को समाप्त करने की पहल करते हुए पीपी तिवारी से चर्चा की। राज एक्सप्रेस ने सबसे पहले खबर दे दी थी कि - इन दोनों के बीच हाईकोर्ट के बाहर समझौते के प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को जबलपुर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सयैद रफत आलम एवं जस्टिस आलोक अराधे की युगल पीठ में राज्य के महाधिवक्ता ऋषभदास जैन ने दोनों के बीच हुए समझौते के प्रपोजल की प्रति सौंपी तो हाईकोर्ट ने इसे शपथ पत्र के साथ आवेदन के प्रारुप में पेश करने के निर्देश दिए। इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
- इस संबंध में बुधवार को हमने दोनों के बीच हुए समझौते का प्रपोजल हाईकोर्ट में पेश किया। हाईकोर्ट ने इसे शपथ पत्र के साथ आवेदन के प्रारुप में देने को कहा है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
ऋषभदास जैन, महाधिवक्ता मप्र
Wednesday, March 17, 2010
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