Thursday, May 6, 2010

मप्र में राष्ट्रपति शासन के लिए प्रतिवेदन मांगा

महेन्द्र विश्वकर्मा

भोपाल। मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने जैसे हालात कतई नहीं है, लेकिन फिर भी राजभवन के एक उपसचिव ने राज्यपाल के निर्देश का हवाला देते हुए मप्र के मुख्यसचिव अवनि वैश्य से कांग्रेस के विधायक डा. गोविन्द सिंह के ज्ञापन के आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाने के विषय में प्रतिवेदन देने को कहा है।

कांग्रेस विधायक डा. गोविन्द सिंह ने पिछले सप्ताह राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपकर मप्र में कानून व्यवस्था व भ्रष्टाचार पर अंकुश न पाने का आरोप लगाते हुए शिवराज सिंह चौहान की सरकार को भंग करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। राज्यपाल के उप सचिव शैलेन्द्र कियावत ने 26 अप्रेल को प्रदेश के मुख्य सचिव अवनि वैश्य को पत्र लिखकर डा. सिंह द्वारा लगाए आरोप के बारे में संबंधित विभागों से तथ्यपरक प्रतिवेदन प्राप्त कर राजभवन को उपलब्ध कराने को कहा है ताकि इस संबंध में महामहिम को अवगत कराया जा सके। सूत्रों के अनुसार विपक्ष के नेता ऐसी मांग करते रहते हैं, लेकिन इस तरह प्रतिवेदन नहीं मांगा जाता।

मैं चेक करके बताऊंगा : इस संबंध में जब राजभवन में उपचसिव शैलेन्द्र कियावत से चर्चा की तो पहले तो उन्होंने कहा कि - ऐसा पत्र पहले कभी गया होगा, लेकिन जब उन्हें बताया कि यह पत्र 26 अप्रेल को उनके हस्ताक्षर से लिखा गया तो उन्होंने कहा कि - मैं चेक करके बता सकंूगा।

सिंह का चेकअप होना चाहिए : इस संबंध में मप्र के संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि मप्र में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बेहतर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रित तरीके से चुनी गई सरकार को भंग करने की मांग करने वाले कांग्रेस विधायक डा. गोविन्द सिंह का मेडीकल चेकअप होना चाहिए

राज्यपाल का आभार : दूसरी ओर कांग्रेस विधायक डा. गोविन्द सिंह ने उनके ज्ञापन पर राज्य सरकार से प्रतिवेदन मांगे जाने पर राज्यपाल का आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद राज्यपाल को भ्रष्ट सरकार के बारे में सख्त कदम उठाने चाहिए। डा. सिंह ने कहा कि जहां तक उनके मेडीकल चेकअप की बात है तो डा. नरोत्तम मिश्रा का धन्यवाद जिन्होंने उनके स्वास्थ की चिन्ता की है।

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