Saturday, January 30, 2010

presiding officers conference. bhopal

पीठासीन अधिकारियों के सैरसपाटे
पर व्यय होंगे दो करोड़ रूपए

रवीन्द्र जैन

भोपाल। देश भर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन के लिए विधानसभा सचिवालय ने राज्य सरकार से दो करोड़ रूपए की मांग की है। यह राशि देश भर से आने वाले पीठासीन अधिकारियों, विधानसभा के सचिवों एवं उनके परिजनों को ठहराने, घूमाने-फिराने पर व्यय की जाएगी। पीठासीन अधिकारियों का सम्मलेन 2 से 6 फरवरी 2010 तक भोपाल में आयोजित किया गया है। सम्मलेन का अङ्क्षतम दिन सैरसपाटे के लिए रखा गया है।

पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन के लिए मप्र विधानसभा भवन को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। भवन की रंगाई पुताई का काम तेजी पर है। मप्र में पीठासीन अधिकारियों का सम्मलेन बीस वर्ष बाद होने जा रहा है। इसके पहले सम्मलेन 1989 को पुराने विधानसभा भवन में यह सम्मलेन आयोजित किया गया था। सम्मलेन के पहले दिन लोकसभा एवं सभी विधानसभा के सचिवों का सम्मलेन होगा, जिसमें पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन का एजेन्डा तय किया जाएगा। 3 व 4 फरवरी को लोकसभा व सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों का सम्मलेन होगा। 5 फरवरी को संसदीय मामलों पर महत्वपूर्ण संगोष्ठी होगी जिसमें मप्र के सभी विधायकों को आंमत्रित किया गया है। 6 फरवरी का दिन सैरसपाटे के लिए रखा गया है। बैठक के नहीं बना फंड : पीठासीन अधिकारियों की बैठक के लिए सभी राज्यों को अपना अंश देने की बात पिछले 55 वर्षों से चल रही है, लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। 1954 के सम्मलेन में यह विचार किया गया था कि छोटे जिनका बजट कम है वे धन की कमी के कारण अपने यहां सम्मलेन नहीं करा पाते। इसल  सम्मलेन के लिए अंशदायी निधि का प्रबंध करना चाहिए। 1992 में गुजरात में हुए सम्मलेन में इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई, लेकिन इस पर अमल अभी तक नहीं हुआ है।
सांची,खजुराहो,पचमढ़ी जाएंगे : बताया जाता है कि सम्मलेन में आने वाले अतिथियों को भोपाल के अलावा सांची पर्यटन स्थल घूमाने एवं वहां पर ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। सांची में अतिथियों को विशेष भोज दिया जाएगा। पूरी सरकार एवं विधानसभा सचिवालय के अधिकारी कर्मचारियों को इनके आतिथ्य में लगाने की योजना है।
मीराकुमार आएंगीं : सम्मलेन में शामिल होने लोकसभा की स्पीकर श्रीमती मीराकुमार अलावा सभी राज्य के विधानसभा अध्यक्षों व उपाध्यक्षों एवं सचिवों के आने के कार्यकमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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