Saturday, January 30, 2010

M.P. Vidhansabha corruption

अवैध कमाई का अड्डा बनी विधानसभा












रवीन्द्र जैन

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के दो कर्मचारियों में करोड़ों रुपए की अवैध कमाई को लेकर मारकाट मची हुई है। यह कर्मचारी न तो नियमित कार्यालय आ रहे हैं और न ही इन्होंने अवैध कमाई के बारे में अभी तक विधानसभा सचिवालय से विधिवत अनुमतियां ली हैं। दोनों कर्मचारी अपनी कमर में पिस्टल लगाकर एक दूसरे का कच्चा चिठ्ठा लिए घूम रहे हैं।

विधानसभा में कभी खास रहे और मिलजुल कर करोड़ों रूपए कमाने वाले अवर सचिव कमलाकांत शर्मा एवं निज सहायक केपी द्विवेदी एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए हैं। दोनों ने अपनी अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टलें खरीद ली हैं, और उन्हें साथ लेकर घूम रहे हैं। दोनों एक दूसरे पर करोड़ों रूपए के घपले एवं धो�ााधड़ी के आरोप लगा रहे हैं। दोनों कर्मचारी विधानसभा में केवल रजिस्टर में हाजरी लगाने आते हैं। दिन भर एक दूसरे के खिलाफ शिकायतों के बंडल बांटने में लगे इन कर्मचारियों पर विधानसभा सचिवालय का कोई अंकुश नहीं है। जुलाई में इन दोनों कर्मचारियों के यहां इंकम टेक्स के छापे पड़ चुके हैं। इन छापों के बाद इनके बीच विवाद और बढ़ गया है।

दोनों कर्मचारियों ने एक दूसरे का काला चिठ़ठा इस संवाददाता को सौंपा है इनका दावा है कि वे यह चिठ़ठा जिला प्रशासन एवं विधानसभा के प्रमु�य सचिव को भी सौंप चुके हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही। खास बात यह है कि विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने स्वयं को इस विवाद से दूर रखा है। उनके निर्देश पर विधानसभा सचिव भगवानदेव ईसरानी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। विधानसभा के प्रमुख सचिव एके प्यासी भी इस संबंध में मौन हैं।


पोल-खोल अभियान

कमलाकांत पर केपी के आरोप :

यहां बता दें कि कमलाकांत शर्मा विधानसभा में अवर सचिव के रूप में पदस्थ हैं। उन्होंने पिछले सात आठ वर्षों में करोड़ों रूपए का लेनदेन अपने व अपनी दूसरी पत्नि, सास ससुर के नाम से किया है। उनके पास करोड़ों रूपए की अकूत स�पत्ति कहां से आई?


- विधानसभा के अवर सचिव कमलाकांत शर्मा ने सरकारी नौकरी में रहते भ्रष्टाचार की कमाई से लगभग दस करोड़ रूपए कमाए हैं।
- कमलाकांत ने भोपाल के स्वामी विवेकानंद कॉलेज में अवैध कमाई से तीन करोड़ रूपए निवेश किए हैं। कॉलेज के दस्तावेजों से इसकी पुष्टि की जा सकती है।
- कमलाकांत के पास भोपाल के ग्राम बरखेडी कलां में नब्बे लाख रुपए कीमत के खेत हैं।
- कमलाकांत ने अपनी दूसरी पत्नि के वंदना शर्मा के नाम से नेहरूनगर भोपाल में सी 110 नंबर का मकान खरीदा कीमत 40 लाख रुपए।
- कोटरा सुल्तानाबाद भोपाल की चित्रगुप्त कॉलोनी में वंदना शर्मा के नाम से ही प्लाट नंबर 20, कीमत 30 लाख रुपए।
- अपनी अवैध कमाई को एक नंबर की कीरने के लिए रीवा में वंदना शर्मा के नाम से डेयरी संचालन केवल कागज पर दि�ााते रहे हैं।
- ढेकहा मोहल्ला रीवा में अपने ससुर महिमा शंकर पांडेय एवं सास विद्यावती पांडेय के नाम से पचास लाख रूपए का कमान बनवाया।
- कमलाकांत ने अवैध कमाई से ही रीवा के अरूणनगर में मकान बनवाया जिसे अभी 16 लाख रूपए में बेचा है।
- रीवा शहर के बाहर बनकुईयां राजस्व मंडल में स्वयं, पन्ति, बच्चों एवं सास ससुर के नाम से 35 एकड़ भूमि क्रय की है जिसकी कीमत 80 लाख रूपए है।
- विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज से साठ लाख रूपए अवैध तरीके से निकाले गए।
- कॉलेज की एक कार फर्जी हस्ताक्षर करके अपने रिश्तेदार के नाम कर ली है।
- कमाकांत ने तनिष्क मैनेजमेन्ट कंपनी बनाकर उसमें विभिन्न नामों से चालीस रूपए का निवेश किया।
- कमलाकांत, उनकी पन्ति वंदना शर्मा एवं उनके रिश्तेदारों ने विवेकानंद कॉलेज में वेतन के नाम से 2.80 करोड़ रुपए निकाले, इसमें से 1.80 करोड़ रूपए का गबन किया गया।
- अपनी एक महिला मित्र, जो कि महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी है, के नाम से कॉलेज में बीस लाख रूपए का निवेश किया गया है।
- कमलाकांत ने महिला बाल विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर रहने के दौरान भारी भ्रष्टाचार किया है इसकी भी जांच होना चाहिए।


केपी पर कमलांकात के आरोप :

यहां बता दें कि केपी द्विवेदी विधानसभा में निज सहायक के रूप में पदस्थ हैं। उन्होंने पिछले सात आठ वर्षों में करोड़ों रूपए का लेनदेन अपने व अपनी पत्नि के नाम से किया है। उनके पास करोड़ों रूपए की अकूत स�पत्ति कहां से आई?


- तत्कालीन विधानसभा स्पीकर श्री निवास तिवारी के निज सहायक रहे केपी द्विवेदी पर कमला कांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने विधानसभा से अनुमति लिए बिना करोड़ों रूपए विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज में निवेश किए हैं।
- केपी द्विवेदी ने भोपाल के बरखेडी कलां में विभाग को बिना बताए 32 लाख रूपए की एक एकड़ भमि खरीदी।
- के पी ने भोपाल के नयापुरा में पच्चीस हजार वर्गफीट का फार्म भी बिना विभाग को बताए खरीदा है।
- केपी ने भोपाल की आधुनिक गृह निर्माण समिति में दो प्लाटों के लिए राशि पांच लाख रूपए जमा की है।
- केपी की काली कमाई की जानकारी विधानसभा स्थित बैंक के खाता क्रमांक 01190041333 की डिटेल निकलवाने से मिल जाएगी।
- केपी ने 10 अप्रेल 09 को अपने उपरोक्त बैंक खाते से पच्चीस पच्चीस लाख के दस चेक जारी किए हैं। यह ढाई करोड़ रूपए की राशि उनके पास कहां से आई?
- केपी ने विधानसभा कर्मचारी सहकारी खास समिति के अध्यक्ष रहते अपने कॉलेज के लिए फर्जी तरीके से 1.21 करोड़ रूपए की एफडीआर बना ली, ताकि इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालन की अनुमति मिल सके।
- विवेकानंद कॉलेज संचालित करने वाली संस्था अक्षय शक्ति शिक्षा समिति में केपी द्विवेदी स्वयं अध्यक्ष रहे एवं पत्नि चंद्रकांती द्विवेदी को कोषाध्यक्ष एवं रिश्तेदार विवेकानंद द्विवदी को सचिव बनाकर करोड़ों रूपए का गबन किया है।
- केपी ने सत्य सांई सहकारी बैंक में जमा 35 लाख व 17 लाख रूपए की एफडीआर कॉलेज प्रबंधन की बिलना अनुमति के तुडवा लीं।
- केपी ने अपनी पत्नि के चद्रकांती द्विवेदी के नाम से साढ़े दस लाख रूपए की कीमत से 52 सीटर बस क्रमांक एमपी 04 एचबी 9189 खरीदी। यह पैसा उनके पास कहां से आया?
- केपी द्विवेदी ने अपनील पत्नि के नाम से भोपाल के पारस सिटी में एक �लेट खरदा एवं उसे बेचका साढ़े नो लाख रूपए कॉलेज में श्यामकली के नाम से निवेश कर दिया। चंद्रकांती एवं श्यामकली एक ही महिला है।
- केपी ने कॉलेज में फार्मेसी के भवन को दिखाकर बीएड की अनुमति प्राप्त की है।



केपी का कथन :
इस संबंध में केपी द्विवेदी का कहना है कि - मैंने विधानसभा कर्मचारी गृह निर्माण समिति से जो एफडीआर बनाई है उसमें कार्यालयीन प्रक्रिया पूरी किए बिना बनाई है, इसकी कोई बड़ी सजा नहीं होगी। सच्चाई यह है कि हमने अपनी जीवन की पूरी कमाई कॉलेज में लगा दी और अब कमलाकांत उस पर कब्जा करना चाहते हैं। हम मर जाएंगे, लेकिन कॉलेज पर कब्जा नहीं होने देंगे। कमलाकांत से मुझे जान का खतरा है। हां .... मैंने अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल खरीदी है, और उसे कभी कभी साथ भी रखता हूं।


कमलाकांत का कथन :
जहां तक मेरी अवैध कमाई का सवाल है उसकी जांच इंकम टेक्स विभाग कर रहा है। यदि मैं दोषी हूं तो मुझे वहां से सजा मिलेगी। विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज में मैंने अपने दो सौ से अधिक परिचितों को पैसा लगवाया है। केपी द्विवेदी की नीयत खराब हो गई और वह कॉलेज पर कब्जा करना चाहता है। केपी कॉलेज को धोखे से किसी को बेचने का षडयंत्र कर रहा है। मैं ऐसा हरर्गिज नहीं होने दूंगा। मैं किसी भी कीमत पर कॉलेज में अपना हिस्सा लेकर रहूंगा। हां .... मैंने अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल खरीदी है और उसे अपने साथ ही रखता हूं।


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