दलित की बेटी को चाहिए फाइव स्टार
मीरा कुमार ने सरकारी गेस्ट हाउस में रूकने से किया इंकार भोपाल में घूमने फिरने के लिए मांगी होंडा सिटी कार
रवीन्द्र जैन
भोपाल। दलित की बेटी एवं देश की लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भोपाल प्रवास के दौरान सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने से साफ इंकार कर दिया है। उनकी छह दिन की भोपाल यात्रा के लिए होटल नूर उस सबा में 12 सूट आठ दिन के लिए बुक किए गए हैं। उन्होंने सरकारी कार में घूमने के बजाय पर्यटन निगम से टेक्सी के रूप होंडा सिटी कार उपलब्ध कराने को कहा है। उनका स्टाफ भी भोपाल के एयरकंडीशन होटलों में ठहरेगा।
लोकसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर सहित अगले माह भोपाल आने वाले लगभग ढाई सौ अतिथियों के लिए भोपाल का एक भी सरकारी गेस्ट हाउस ठहराने लायक नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष को छोडिए लोकसभा के कर्मचारियों के लिए भी भोपाल के शानदार होटल बुक किए गए हैं। इन अतिथियों के लिए एक भी सरकारी वाहन लगाने के बजाय 195 लक्जरी कारें किराए पर ली जा रही हैं। यह सभी अतिथि भोपाल में बीस साल बाद आयोजित होने वाले पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं। लोकसभा सचिवालय के निर्देशानुसार ही राज्य सरकार सम्मेलन की व्यवस्था करने में जुटी है।
देश में विधायी संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों का यह सम्मलेन मप्र में बीस साल बाद आयोजित किया जा रहा है। 2 से 6 फरवरी तक आयोजित सम्मेलन में देश भर से 250 अतिथियों सहित कुल पांच सौ लोगों के आने की संभावना है। इनमें लोकसभा एवं राज्यसभा का स्टाफ भी शामिल है। सम्मेलन की तैयारी के लिए 31 जनवरी से भोपाल में लोकसभा का केम्प कार्यालय प्रारंभ हो जाएगा। लोकसभा के अतिरिक्त सचिव यूएस सक्सेना ने सम्मेलन की तैयारी के संबंध में मप्र विधानसभा सचिवालय को तमाम व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। पूरा सम्मेलन लोकसभा सचिवालय की देखरेख में होगा।
यह होंगे अतिथि :
सम्मेलन में लोकसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर, सभी विधानसभाओं एवं विधान परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों को आंमत्रित किया गया है। इनके अलावा सभी विधायी संस्थाओं के प्रमुख सचिवों व सचिवों को भी आंमत्रित किया गया है।
पर्यटन निगम को जिम्मेदारी :
इस सम्मेलन में होने वाले खर्चों में विवाद से बचने के लिए हर तरह की जिम्मेदार मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम को सौंपी गई है। निगम से कहा गया है कि भोपाल के एयरकंडीशन होटलों में 250 कमरे बुक किए जाएं। इसके अलावा अतिथियों के घूमने फिरने के लिए 196 एसी टैक्सियां बुक की जाएं। पर्यटन निगम को अतिथियों के नाश्ते भोज व डिनर के अलावा उन्हें राज्य विधानसभा की ओर से दी जाने वाले गिफ्ट खरीदने का भी जिम्मा भी सौंपा गया है। निगम से कहा गया है कि - अतिथियों के लिए दो सौ लेदर के बैग व दो सौ एचएमटी घडियां भी वह खरीद कर दे। इनमें 175 घडियां जेन्टस व 25 लेडिज होना चाहिए। अतिथियों के साथ आने वाली उनकी धर्मपत्नियों के लिए सौ चंदेरी की कोसा साडियां भी पर्यटन निगम खरीदकर देगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम :
सम्मेलन को देखते हुए भोपाल में 2 से 6 फरवरी तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। बिरला मंदिर से वल्लभभवन पहुंचने वाले मार्ग को आम लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा। जिन होटलों में अतिथि ठहरेंगे वहां भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए भोपाल के आईजी शैलेन्द्र श्रीवास्तव एसएसपी आदर्श कटियार, संभागायुक्त पुखराज मारू, कलेक्टर एस एस शुक्ला ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एके प्यासी के साथ बैठक कर ली है।
यहां रूकेंगे अतिथि :
सम्मेलन में आने वाले अतिथियों को ठहराने के लिए पर्यटन विकास निगम ने भोपाल के कुल नौ होटलों में 250 एयरकंडीशन कमरें बुक कर दिए हैं।
लोकसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर सहित अगले माह भोपाल आने वाले लगभग ढाई सौ अतिथियों के लिए भोपाल का एक भी सरकारी गेस्ट हाउस ठहराने लायक नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष को छोडिए लोकसभा के कर्मचारियों के लिए भी भोपाल के शानदार होटल बुक किए गए हैं। इन अतिथियों के लिए एक भी सरकारी वाहन लगाने के बजाय 195 लक्जरी कारें किराए पर ली जा रही हैं। यह सभी अतिथि भोपाल में बीस साल बाद आयोजित होने वाले पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं। लोकसभा सचिवालय के निर्देशानुसार ही राज्य सरकार सम्मेलन की व्यवस्था करने में जुटी है।
देश में विधायी संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों का यह सम्मलेन मप्र में बीस साल बाद आयोजित किया जा रहा है। 2 से 6 फरवरी तक आयोजित सम्मेलन में देश भर से 250 अतिथियों सहित कुल पांच सौ लोगों के आने की संभावना है। इनमें लोकसभा एवं राज्यसभा का स्टाफ भी शामिल है। सम्मेलन की तैयारी के लिए 31 जनवरी से भोपाल में लोकसभा का केम्प कार्यालय प्रारंभ हो जाएगा। लोकसभा के अतिरिक्त सचिव यूएस सक्सेना ने सम्मेलन की तैयारी के संबंध में मप्र विधानसभा सचिवालय को तमाम व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। पूरा सम्मेलन लोकसभा सचिवालय की देखरेख में होगा।
यह होंगे अतिथि :
सम्मेलन में लोकसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर, सभी विधानसभाओं एवं विधान परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों को आंमत्रित किया गया है। इनके अलावा सभी विधायी संस्थाओं के प्रमुख सचिवों व सचिवों को भी आंमत्रित किया गया है।
पर्यटन निगम को जिम्मेदारी :
इस सम्मेलन में होने वाले खर्चों में विवाद से बचने के लिए हर तरह की जिम्मेदार मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम को सौंपी गई है। निगम से कहा गया है कि भोपाल के एयरकंडीशन होटलों में 250 कमरे बुक किए जाएं। इसके अलावा अतिथियों के घूमने फिरने के लिए 196 एसी टैक्सियां बुक की जाएं। पर्यटन निगम को अतिथियों के नाश्ते भोज व डिनर के अलावा उन्हें राज्य विधानसभा की ओर से दी जाने वाले गिफ्ट खरीदने का भी जिम्मा भी सौंपा गया है। निगम से कहा गया है कि - अतिथियों के लिए दो सौ लेदर के बैग व दो सौ एचएमटी घडियां भी वह खरीद कर दे। इनमें 175 घडियां जेन्टस व 25 लेडिज होना चाहिए। अतिथियों के साथ आने वाली उनकी धर्मपत्नियों के लिए सौ चंदेरी की कोसा साडियां भी पर्यटन निगम खरीदकर देगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम :
सम्मेलन को देखते हुए भोपाल में 2 से 6 फरवरी तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। बिरला मंदिर से वल्लभभवन पहुंचने वाले मार्ग को आम लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा। जिन होटलों में अतिथि ठहरेंगे वहां भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए भोपाल के आईजी शैलेन्द्र श्रीवास्तव एसएसपी आदर्श कटियार, संभागायुक्त पुखराज मारू, कलेक्टर एस एस शुक्ला ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एके प्यासी के साथ बैठक कर ली है।
यहां रूकेंगे अतिथि :
सम्मेलन में आने वाले अतिथियों को ठहराने के लिए पर्यटन विकास निगम ने भोपाल के कुल नौ होटलों में 250 एयरकंडीशन कमरें बुक कर दिए हैं।
अतिथि | होटल | कुल कक्ष |
1-लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा उपाध्यक्ष राज्यसभा सभापति महासचिव लोकसभा महासचिव राज्यसभा | होटल | 12 |
2- राज्य विधान मंडलों के अध्यक्ष | होटल अशोक लेक ब्यू | 38 |
3- राज्य विधान मंडलों के उपाध्यक्ष | होटल जहनुमा पैलेस | 27 |
4- विधान मंडलों के सचिव | होटल पलाश | 32 |
5- लोकसभा का स्टाफ | होटल रेंसीडेंसी | 35 |
6- राज्य विस का स्टाफ | होटल आमेर पैलेस | 25 |
7- अन्य राज्यों का स्टाफ | हेाटल निसर्ग | 25 |
8- अन्य राज्यों का स्टाफ | हेाटल आर्क मॅनोर्क | 30 |
9- अन्य राज्यों का स्टाफ | होटल सुरेन्द्र विलास | 26 |
इन वाहनों में करेंगे सवारी :
सम्मेलन में आने वाले अतिथियों के लिए पर्यटन विकास निगम को निम्र श्रेणी की कारों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
होंडा सिटी | - 5 |
इनोवा | - 68 |
इंडिगो | - 40 |
टवेरा | - 55 |
क्वालिस | - 2 |
इंडिका | - 10 |
अन्य | - 16 |
तीन दौर में होगा सम्मलेन :
यह सम्मेलन तीन दौर में होगा। पहले दिन 2 फरवरी को सचिवों का सम्मेलन होगा जिसमें पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का विषय निर्धारित होगा। दूसरे दौर में 3 व 4 फरवरी को पीठासीन अधिकारियों को सम्मेलन होगा। 5 फरवरी को विधायी विषय पर एक गोष्ठी होगी। इस गोष्ठी में मप्र के सभी सांसदों व विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। गोष्ठी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी संबोधित करेंगे।
अंतिम दिन सैर सपाटा :
सम्मेलन के अंतिम दिन 6 फरवरी को सभी अतिथियों को घूमाने के लिए सांची ले जाने की योजना है। सांची में इनके दोपहर भोज की व्यवस्था भी की जा रही है।
खबर का असर
दलित की बेटी ने ठुकराई
फाइव स्टार की सुविधाएं
मीरा कुमार अब राजभवन में ठहरेंगीं
अपने स्टाफ को लगाई कडी फटकार
रवीन्द्र जैन
भोपाल। लोकसभा स्पीकर सुश्री मीराकुमार ने अगले माह भोपाल की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान न केवल फाइव स्टार होटल में ठहरने से इंकार कर दिया है बल्कि उन्होंने स्वयं के फाइव स्टार होटल में ठहरने के निर्देश देने वाले लोकसभा स्टाफ को भी कडी फटकार भी लगाई है। राज एक्सप्रेस में खबर छपने के बाद भारतीय दलित वर्ग संघ ने मीराकुमार को फाइव स्टार होटल में ठहरने के बजाय सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने की सलाह दी थी। अब वे राजभवन के गेस्टहाउस में ठहरेंगीं।
इसके पहले लोकसभा सचिवालय के निर्देश पर मप्र सरकार ने उनके ठहरने के लिए फाइव स्टार होटल नूर उस सबा में में तीन सूट बुक किए थे। तीन दिन के भोपाल आ रहीं मीरकुमार के लिए इस होटल में तीन सूट आठ दिन के लिए बुक किए गए थे। इन सूट का प्रतिदिन का किराया लगभग 19 हजार रूपए प्रतिदिन है। लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि मीराकुमार के लिए फाइव स्टार होटल में व्यवस्थाएं करें। इसके अलावा पीठासीन अधिकारियों के स�मेलन में आने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिवों को ठहराने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी गेस्ट हाउसों के बजाय भोपाल के अलग अलग होटलों में 250 एयरकंडीशन कमरें 8 दिन के बुक किए थे। मजेदार बात यह है कि स�मेलन में कई अतिथि केवल दो तीन दिन के लिए ही आ रहे हैं, लेकिन उनके लिए भी होटलों के कमरे 1 से 8 फरवरी तक के लिए बुक कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने अतिथियों को सरकारी वाहन देने के बजाय 191 एयरकंडीशन लक्जरी कारें भी बुक की हैं। जबकि बीस साल पहले हुए स�मेलन में अधिकांश अतिथि सरकारी गेस्ट हाउसों में ठहरे थे तथा उनके लिए सरकार के विभिन्न विभागों से वाहने लेकर लगाए गए थे।
राज एक्सप्रेस ने दलित की बेटी को चाहिए फाइव स्टार शीर्षक से इस खबर को सबसे पहले छापा था। भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बारेलाल मंडेलिया जो कि पिछले तीन दशक से मीराकुमार के पारिवारिक सदस्य हैं तथा उनके निजी कार्य संभालते हैं की नजर ग्वालियर में जैसे ही इस खबर पर पड़ी उन्होंने तत्काल मीराकुमार को फैक्स से खबर भेजी और फाइव स्टार होटल में न ठहरने का सुझाव भी उन्हें दिया। मंडेलिया ने राज एक्सप्रेस को बताया कि - बहन जी बेहद साधा जीवन शैली वाली महिला हैं, लेकिन यह गलती उनके स्टाफ से हुई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही बहन जी ने राज एक्सप्रेस की खबर पड़ी, उन्होंने तत्काल अपने स्टाफ को इसके लिए फटकार लगाई एवं अपने ठहरने के लिए सरकारी गेस्ट हाउस में व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस फटकार के बाद लोकसभा सचिवालय हरकत में आया और मप्र विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिए गए हैं कि - मीराकुमार को ठहराने के लिए राजभवन के गेस्ट हाउस में व्यवस्था की जाए। बताया जाता है कि स�मेलन में आने अतिथियों को ठहराने के लिए अब नए सिरे से व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं। कई अतिथि होटलों में ठहरने के बजाय गेस्ट हाउसों में ठहरने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
दलित की बेटी ने ठुकराई
फाइव स्टार की सुविधाएं
मीरा कुमार अब राजभवन में ठहरेंगीं
अपने स्टाफ को लगाई कडी फटकार
रवीन्द्र जैन
भोपाल। लोकसभा स्पीकर सुश्री मीराकुमार ने अगले माह भोपाल की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान न केवल फाइव स्टार होटल में ठहरने से इंकार कर दिया है बल्कि उन्होंने स्वयं के फाइव स्टार होटल में ठहरने के निर्देश देने वाले लोकसभा स्टाफ को भी कडी फटकार भी लगाई है। राज एक्सप्रेस में खबर छपने के बाद भारतीय दलित वर्ग संघ ने मीराकुमार को फाइव स्टार होटल में ठहरने के बजाय सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने की सलाह दी थी। अब वे राजभवन के गेस्टहाउस में ठहरेंगीं।
इसके पहले लोकसभा सचिवालय के निर्देश पर मप्र सरकार ने उनके ठहरने के लिए फाइव स्टार होटल नूर उस सबा में में तीन सूट बुक किए थे। तीन दिन के भोपाल आ रहीं मीरकुमार के लिए इस होटल में तीन सूट आठ दिन के लिए बुक किए गए थे। इन सूट का प्रतिदिन का किराया लगभग 19 हजार रूपए प्रतिदिन है। लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि मीराकुमार के लिए फाइव स्टार होटल में व्यवस्थाएं करें। इसके अलावा पीठासीन अधिकारियों के स�मेलन में आने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिवों को ठहराने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी गेस्ट हाउसों के बजाय भोपाल के अलग अलग होटलों में 250 एयरकंडीशन कमरें 8 दिन के बुक किए थे। मजेदार बात यह है कि स�मेलन में कई अतिथि केवल दो तीन दिन के लिए ही आ रहे हैं, लेकिन उनके लिए भी होटलों के कमरे 1 से 8 फरवरी तक के लिए बुक कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने अतिथियों को सरकारी वाहन देने के बजाय 191 एयरकंडीशन लक्जरी कारें भी बुक की हैं। जबकि बीस साल पहले हुए स�मेलन में अधिकांश अतिथि सरकारी गेस्ट हाउसों में ठहरे थे तथा उनके लिए सरकार के विभिन्न विभागों से वाहने लेकर लगाए गए थे।
राज एक्सप्रेस ने दलित की बेटी को चाहिए फाइव स्टार शीर्षक से इस खबर को सबसे पहले छापा था। भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बारेलाल मंडेलिया जो कि पिछले तीन दशक से मीराकुमार के पारिवारिक सदस्य हैं तथा उनके निजी कार्य संभालते हैं की नजर ग्वालियर में जैसे ही इस खबर पर पड़ी उन्होंने तत्काल मीराकुमार को फैक्स से खबर भेजी और फाइव स्टार होटल में न ठहरने का सुझाव भी उन्हें दिया। मंडेलिया ने राज एक्सप्रेस को बताया कि - बहन जी बेहद साधा जीवन शैली वाली महिला हैं, लेकिन यह गलती उनके स्टाफ से हुई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही बहन जी ने राज एक्सप्रेस की खबर पड़ी, उन्होंने तत्काल अपने स्टाफ को इसके लिए फटकार लगाई एवं अपने ठहरने के लिए सरकारी गेस्ट हाउस में व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस फटकार के बाद लोकसभा सचिवालय हरकत में आया और मप्र विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिए गए हैं कि - मीराकुमार को ठहराने के लिए राजभवन के गेस्ट हाउस में व्यवस्था की जाए। बताया जाता है कि स�मेलन में आने अतिथियों को ठहराने के लिए अब नए सिरे से व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं। कई अतिथि होटलों में ठहरने के बजाय गेस्ट हाउसों में ठहरने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
good news
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