खनिज सचिव एसके मिश्रा परेशान
रवीन्द्र जैन
भोपाल। मप्र के खनिज सचिव एसके मिश्रा राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश से परेशान हैं। सूचना आयोग उन्हें मप्र की सभी चल रहीं, निरस्त की गईं और बंद हो चुकी खदानों की सूची आवेदनकर्ता को पन्द्रह दिन में देने के निर्देश दिए हैं। सूचनाकर्ता का कहना है कि - इस सूची से वे खनिज विभाग द्वारा पिछले दिनों हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र से मिलान करना चाहते हैं, यदि विभाग ने हाईकोर्ट से जानकारी छिपाई है तो खनिज विभाग के अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने लगभग दो साल पहले मप्र खनिज विभाग से आठ बिन्दुओं पर जानकारी मांगी थी, लेकिन विभाग ने उन्हें यह जानकारी नहीं दी। निर्धारित समय अवधि व्यतीत होने के बाद दुबे ने विभाग के अपीलीय अधिकारी एसके मिश्रा के समक्ष अपील की, लेकिन मिश्रा ने उनकी अलीप को रद्द कर दिया। दुबे ने मुख्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। मुख्य सूचना आयुक्त पीपी तिवारी ने इस संबंध में 4 जून 2010 को दोनों पक्षों को सुनवाई का अवसर दिया और सुनवाई के बाद एसके मिश्रा के आदेश को पलटते हुए खनिज विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह पन्द्रह दिन में उक्त जानकारी दुबे को उपलब्ध कराएं।
क्या जानकारी मांगी है : एक जुलाई 2008 की स्थिति में संचालित सभी गौण व मेजर खदानों की सूची, पर्यावरण अनुमति के बिना संचालित खदानों की सूची, जिन खदानों के लायसंस की अवधि समाप्त हो गई अथवा विभाग ने लायसंस निरस्त किया हो उसकी सूची, जिन खदानों को प्रतिबंधित किया गया हो, उनकी सूची, जिन खदानों के लायसंस नियम 13 के तहत निरस्त किए गए हैं, उनकी सूची, जो खदानें बंद हो गईं हैं, उनकी सूची, जिन खदानों को स्थाई बंद कर दिया है, लेकिन फिर भी वहां खनन की शिकायतें मिल रहीं हो उनकी सूची।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम : इस संबंध में दुबे का कहना है कि वे पिछले दो वर्षों से मप्र के खनिज विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और इस आदेश से उनके अभियान को ताकत मिलेगी।
शास्ति का भी नोटिस : मुख्य सूचना आयुक्त तिवारी ने इस प्रकरण में विभाग द्वारा समय पर जानकारी नहीं दिए जाने पर लोक सूचना अधिकारी से दण्ड वसूलने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए हैं।
Saturday, June 5, 2010
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